Navratri 2025 Dates & Overview

Navratri 2025: Shardiya Navratri की पूरी गाइड | Dates, Ghatasthapana, हर देवी के मंत्र और 10 दिन क्यों?

Navratri 2025

Shardiya Navratri 2025 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक मनाई जाएगी, जिसमें कुल 10 दिन शामिल होंगे। इसका अंतिम दिन विजयादशमी यानी Dussehra के रूप में मनाया जाएगा। यह पर्व माँ Durga और उनके नौ स्वरूपों की पूजा के लिए समर्पित है। यह पर्व शक्ति और भक्ति का प्रतीक है.

Ghatasthapana (कलश स्थापना) का शुभ मुहूर्त

तारीख: 22 सितंबर 2025
समय: सुबह 06:09 से 08:06 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: 11:49 से 12:38 बजे तक

इस दौरान मिट्टी के पात्र में जौ बोया जाता है, जिसके ऊपर जल से भरा कलश, नारियल और आम के पत्ते स्थापित होते हैं। यह मां दुर्गा की उपस्थिति का प्रतीक है।
शुभ मुहूर्त के दौरान यह अनुष्ठान किया जाता है

क्यों हो रही है नवरात्रि 10 दिन?

1. इस वर्ष तृतीया तिथि दो बार आती है (24 और 25 सितंबर), जिसे पुराणों में वृद्धि तिथि कहते हैं। इसलिए नवरात्रि 9 की बजाय 10 दिन चल रही है।

2. मां दुर्गा के नौ रूपों में से माता चंद्रघंटा की पूजा दो बार होगी।

3. यह संयोग 27 साल बाद आया है, जो विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इसलिए Navratri 10 दिनों का पर्व बन गया है।

4. दशहरा भी एक दिन बाद यानी 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

5. मां दुर्गा इस साल हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, जो समृद्धि और शक्ति का प्रतीक है

तिथिदिनदेवी स्वरूपEnglish Colourपूजा का महत्व
22 सितंबरप्रतिपदाShailputriGreyशक्ति और नए आरंभ
23 सितंबरद्वितीयाBrahmachariniOrangeसंयम और तपस्या
24 सितंबरतृतीयाChandraghantaWhiteशांति और साहस
25 सितंबरतृतीयाChandraghanta (अनुपूरक)Whiteपुनः पूजा का महत्व
26 सितंबरचतुर्थीKushmandaRedजीवन शक्ति और ऊर्जा
27 सितंबरपंचमीSkandamataRoyal Blueमातृत्व प्रेम और सुरक्षा
28 सितंबरषष्ठीKatyayaniYellowनिडरता और विजय
29 सितंबरसप्तमीKaalratriGreenबुराई नाश और सुरक्षा
30 सितंबरमहाअष्टमीMahagauriPeacock Greenपवित्रता, शुद्धता
1 अक्टूबरमहानवमीSiddhidatriPurpleसिद्धि और पूर्णता
2 अक्टूबरदशहराDurga Visarjanबुराई पर अच्छाई की जीत
Navratri 2025

हर देवी के मंत्र

1. Shailputri – “ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः”

2. Brahmacharini – “ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः”

3. Chandraghanta – “ॐ देवी चंद्रघन्तायै नमः”

4. Kushmanda – “ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः”

5. Skandamata – “ॐ देवी स्कंदमातायै नमः”

6. Katyayani – “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः”

7. Kaalratri – “ॐ देवी कालरात्र्यै नमः”

8. Mahagauri – “ॐ देवी महागौर्यै नमः”

9. Siddhidatri – “ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः”

पूजा विधि और महत्व

1. प्रतिदिन सुबह-शाम देवी के रूप के मुताबिक पूजा करें।

2. कलश स्थापना के बाद दीप जलाएं।

3. नौ दिन उपवास या फलाहार करें।

4. कन्या पूजन (आष्टमी या नवमी को) अत्यंत शुभ माना जाता है।

5. Dussehra पर रावण दहन और विजय उत्सव होता है।

6. हर दिन निर्धारित रंग पहनने से मनोवैज्ञानिक लाभ होता है।

6. भजन, कीर्तन और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

नवरात्रि का धार्मिक और सामाजिक महत्व

1. बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक।

2. शक्ति और ऊर्जा का जागरण।

3. परिवार और समाज में एकता और प्रेम।

4. मन, शरीर और आत्मा की शुद्धि का अवसर।

5. नए आरंभों और सकारात्मक बदलाव की प्रेरणा।

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