ब्रेकिंग न्यूज़: 5 Nainital zila panchayat members का अपहरण, वोटिंग रोकने के लिए High Court ने पुलिस की खिंचाई की

Nainital में हुई निलंबित हालत के बीच 5 zila panchayat members के अपहरण की घटना ने चुनावी प्रक्रिया में हंगामा मचा दिया है। ये पांचों सदस्य वोट डालने में असमर्थ रहे क्योंकि उन्हें जानबूझकर रोका गया था। इस मामले में High Court ने सोमवार को Senior Superintendent of Police (SSP) P N Meena की घोर निराशाजनक भूमिका पर कड़ी टिप्पणी की और कहा कि पुलिस ने अपने कर्तव्य में “failed miserably” किया है।
राज्य की उच्च न्यायालय की division bench, Chief Justice G Narender और Justice Alok Mahra ने यह मामला सुना, जब Congress ने आरोप लगाया कि उसके पांच सदस्य अगवा कर लिए गए थे ताकि वो चुनाव में हिस्सा ना ले सकें। चुनाव गुरुवार को हुआ था और तब ये सदस्य वोट नहीं दे पाए। जिला मजिस्ट्रेट ने स्थिति को देखते हुए फिर से चुनाव कराने की बात कही है।
Monday को याचिकाकर्ता के वकील ने मतदान स्थल के पास तलवार लेकर घूमते अपराधियों के वीडियो कोर्ट के सामने पेश किए। वीडियो में एक Panchayat सदस्य, Dikar Singh Mewari को गुंडों द्वारा जबरन उठाते हुए दिखाया गया। इससे पहले भी सदस्य परिवारों ने अपहरण होने की बात कही थी। वकील ने यह भी कहा कि मतगणना शुक्रवार तड़के 3 बजे की गई, जिस पर जांच होनी चाहिए, लेकिन कोर्ट का फोकस पुलिस की निष्क्रियता पर रहा।
कोर्ट ने कहा कि मतदान स्थल के ठीक पास हिंसा के वीडियो स्पष्ट हैं कि SSP P N Meena की पुलिस की कार्यप्रणाली में बड़ी चूक हुई है। अदालत ने SSP के ट्रांसफर का आदेश देने की बात कह दी। राज्य के वकील Deputy Advocate General J S Virk ने बताया कि सभी पांच सदस्य जिन्होंने अपहरण होने का दावा किया था, उन्होंने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया कि वे अपहरणित नहीं हुए, लेकिन कोर्ट ने यह बयान अप्रासंगिक माना क्योंकि वे अब सुरक्षित हैं।
कोर्ट ने कहा, “Nainital सिर्फ एक टूरिस्ट टाउन नहीं है, बल्कि High Court की सीट भी है। हम ऐसा हाल कैसे सहेंगे?” कोर्ट ने SSP से पूछा कि जब हथियार लेकर 10 लोग खुलेआम घूम रहे थे, तो उन्होंने कैसे नोटिस नहीं किया? इस पूरी घटना में पुलिस की भारी लापरवाही साफ दिखती है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी चिन्हित कर लिए गए हैं और गिरफ्तारी होगी। घटना में FIR दर्ज की गई है। कोर्ट ने कहा कि चुनाव के दिन ऐसी हिंसा की संभावना को पहले से भांपना चाहिए था।
Advocate General को आदेश दिया गया कि वे सरकार तक SSP के ट्रांसफर को लेकर सवाल उठाएं क्योंकि कोर्ट उनके जवाबों से संतुष्ट नहीं है। कोर्ट ने कहा, “ऐसे नजदीकी मुकाबले वाले चुनाव में अगर पांच लोग गायब हो गए और SSP को पता नहीं चला, तो उन्होंने क्या किया?”
यह मामला इसी माह की अगस्त 13 की उस आदेश के बाद आया है, जिसमें High Court ने चुनाव में उम्मीदवारों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। उस दिन कोर्ट ने कहा था, “चुनाव लोकतंत्र की जान होती है। हर एक वोट मायने रखता है। चुनाव निश्चित रूप से स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी होने चाहिए।”
सोमवार को हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने DM को चुनाव के बाद की घटनाओं और विकास का विवरण देने के लिए हलफनामा दाखिल करने को कहा है। साथ ही SSP से राज्य में हुई हिंसा की घटनाओं का पूरा ब्यौरा मांगा गया है। अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।
एक और घटना में, पुलिस के अनुसार, 14 अगस्त को Betalghat में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान एक उम्मीदवार के समर्थकों ने विरोधी समर्थकों पर गोलियाँ चलाईं और जान से मारने की धमकी दी। इस मामले में 6 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
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